रोजे़दारों की शान
हज़रत सैयदना अनस बिन मालिक रदी अल्लाह तआला अन्हु से मरवी है आप रदी अल्लाह तआला अन्हु फरमाते हैं बरोज़े कयामत रोजे़दार अपनी क़बरों से निकलेंगे तो अपने रोजे की खुशबू से पहचाने जाएंगे और उनके मुंह से मुश्क से भी तेज खुशबू निकल रही होगी।
उनके पास दस्तरख्वान और सुराहियां लाई जाएंगी जिनके मुंह मुश्क से बंधे हुए होंगे फिर उनसे कहा जाएगा खाओ के तुम उस वक्त भूखे रहते थे जब लोग पेट भर कर खाते थे और पीओ के तुम उस वक्त प्यासे रहते थे जब लोग सैराब होते थे और आराम करो कि तुम उस वक्त थकते थे जब लोग आराम कर रहे होते थे।
तो वह खाऐंगे पिऐंगे और आराम करेंगे हालांकि लोग थके मांदे और प्यासे हिसाब किताब में मशगूल होंगे।
कन्ज़ुल अमाल-हिकायतें और नसीहतें 88
रोजे़दार पर खुदा की खास इनायत
हज़रते अब्दुल्लाह इब्ने मसऊद रदी अल्लाह तआला अन्हु फरमाते हैं जब कयामत का दिन होगा और अल्लाह तआला किसी बंदे से भलाई का इरादा फरमायेगा तो उसे एलानिया तौर पर नामाए आमाल देकर फरमायेगा इसे आहिस्ता आवाज में पड़ ताकि वह मखलूक में ज़लील व खुआर ना हो।
फिर वह अपना नामाए आमाल इस कद्र हलकी आवाज़ में पड़ेगा कि कोई भी ना सुन सकेगा फरिश्ते अर्ज़ करेंगे ऐ हमारे माबूद ए वरहक़ यह ऐसी इनायत है जो पहले किसी नाफरमान पर नहीं की गई जबकि तूने अपने नाफरमान को अज़ाब देने और जहन्नम में जलाने की बईद फरमाई है।
इस पर अल्लाह तआला इरशाद फरमायेगा ऐ मेरे फरिश्तों मैंने दुनिया में इसे माहे रमजान की शदीद गर्मी में भूख और प्यास की आग में जलाया तो आज इसे जहन्नम की आग में नहीं जलाऊंगा मैंने इसे बख्श दिया और इसके साबिका गुनाहों और नाफरमानीयों को माफ फरमा दिया। और मैं करम व एहसान फरमाने वाला हूं। हिकायतें और नसीहतें पेज नंबर 375
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