और अल्लाह की इबादत करो और उसके साथ किसी को शरीक ना करो,मां बाप से भलाई करो और रिश्तेदारों और यतीमों और मोहताजो और पास के हमसाया और दूर के हमसाया और करवट के साथी और राहगीर और अपने बांदी गुलाम से - बेशक अल्लाह को खुश नहीं आता कोई इतराने वाला बढ़ाई मारने वाला।(सूरह अन-निसा / 4:36)
हदीस: वह मोमिन नहीं जिसका पड़ोसी उसकी आफतों से महफूज़ ना हों।
अबू हुरैरा रज़ि अल्लाह तआला अन्हु से रिवायत है के रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो तआला अलैह वसल्लम ने फरमाया खुदा की क़सम वह मोमिन नहीं,खुदा की क़सम वह मोमिन नहीं, खुदा की क़सम वह मोमिन नहीं अर्ज़ की गई कौन या रसूलुल्लाह फरमाया वह शख्स के उसके पड़ोसी उसकी आफतों से महफूज़ ना हों यानी जो अपने पड़ोसियों को तकलीफें देता है। (सही बुखारी व मुस्लिम)
हदीस: वह जन्नत में नहीं जाएगा जिसका पड़ोसी उसकी आफतों से अमन में नहीं है।
हज़रत अनस रजी़ अल्लाह तआला अन्हु से रिवायत है के रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो तआला वसल्लम ने फरमाया वह जन्नत में नहीं जाएगा जिसका पड़ोसी उसकी आफतों से अमन में नहीं है। (सही मुस्लिम)
हदीस: फरमाया जब तुम अपने पड़ोसियों को यह कहते सुनो के तुमने अच्छा किया है तो बेशक तुमने अच्छा किया।
अब्दुल्लाह बिन मसऊद रज़ी अल्लाह तआला अन्हु से रिवायत की कहते हैं एक शख्स ने हुज़ूर की खिदमत में अर्ज़ की या रसूलुल्लाह मुझे यह क्यों कर मालूम हो के मैंने अच्छा किया या बुरा किया।फरमाया जब तुम अपने पड़ोसियों को यह कहते सुनो के तुमने अच्छा किया है तो बेशक तुमने अच्छा किया। और जब यह कहते सुनो के तुमने बुरा किया तो बेशक तुमने बुरा किया है। (इब्ने माजा)
हदीस: अपने पड़ोसियों को ज़वान से तकलीफ पहुंचाती है फरमाया वह जहन्नम में है
अबूहुरैरह रज़ी अल्लाह तआला अन्हू से रिवायत की के एक शख्स ने अर्ज़ कि या रसूलुल्लाह फलानी औरत के मुताल्लिक ज़िक्र किया जाता है के नमाज़ व रोजा व सदका कसरत से करती है मगर यह बात भी है के वह अपने पड़ोसियों को ज़वान से तकलीफ पहुंचाती है फरमाया वह जहन्नम में है उन्होंने कहा या रसूलुल्लाह फलानी औरत की निस्बत ज़िक्र किया जाता है के उसके रोज़ा व सदका व नमाज़ में कमी है (यानी नवाफिल) वह पनीर के टुकड़े सदक़ा करती है और अपनी जबान से पड़ोसियों को ईज़ा नहीं देती फरमाया वह जन्नत में है। (शुअबुल ईमान)
हदीस:मोमिन वह नहीं जो खुद पेट भर खाए और उसका पड़ोसी उसके पहलू में भूखा रहे
बैहक़ी ने शुअबुल ईमान में इब्ने अब्बास रज़ी अल्लाह तआला अन्हु से रिवायत की कहते हैं मैंने रसूलुल्लाह सल्लल्लाहो तआला अलैहि वसल्लम को यह फरमाते सुना मोमिन वह नहीं जो खुद पेट भर खाए और उसका पड़ोसी उसके पहलू में भूखा रहे। (यानी मोमिन कमिल नहीं)
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