new naat lyrics |
मोहम्मद शाहिद रजा़ नायाब का़दरी
बज़में जहां में रोनको़ रंगत तुम्हीं से है
ये सारी कायनात सलामत तुम्हीं से है
बागात में बहार है शादाब हैं शजर
गुलशन के सब गुलों में भी रंगत तुम्हीं से है
दुनिया में यूँ रसूल तो आए बहुत मगर
रोशन जहाँ में शाने रिसालत तुम्हीं से है
आदम सफी हों नूह नजी मूसा हों कलीम
हासिल सभी को अज़मतो रिफअत तुम्हीं से है
रब का कलाम देता है हर वक्त ये सदा
आगाज़ और खतमे रिसालत तुम्हीं से है
शाहिद जो कर रहा है सना ऐ मेरे हुज़ूर
ये भी मिली अजी़म सआ़दत्त तुम्हीं से है
new naat lyrics |
अस़ग़र हंसे तो मौत का चेहरा उतर गया
मुहम्मद शाहिद रजा़ नायाब क़ादरी
इशक़े रसूल सीने में जब से उतर गया
वल्लाह मेरा बिगड़ा मुकद्दर सवर गया
दिल में नहीं है जिसके मोहब्बत रसूल की
जिंदा ना कहो उसको वह जीते जी मर गया
कतले नबी के वास्ते घर से चले उमर
चेहरा नबी का देखा तो कदमों में सर गया
कोई बयान क्या करेगा उनकी अजमतें
देने गवाही कदमों में जिनके शजर गया
मैं लौट कर ना आऊंगा मर जाऊंगा वहीं
रब की आता से जब भी मैं तैबा नगर गया
हंसकर सभी को मौत लगाती रही गले
अस़ग़र हंसे तो मौत का चेहरा उतर गया
जिस वक्त कर्बला की मुझे याद आ गई
आंखों से मेरे अश्क का मोती बिखर गया
शाहिद नबी की नात का सदका़ तुझे मिला
जिसकी वजह से तेरा हर इक फन निखर गया
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