हज़रत सैयदना अली मुर्तज़ा रदी अल्लाह अन्हु नबी करीम सल्लल्लाहो अलेही वसल्लम की पैदाइश के तीस (30) बरस बाद मक्का मुकर्रमा में पैदा हुए।
आप को यह सआदत भी हासिल है कि आप बच्चों में इस्लाम कुबूल करने वाले सबसे पहले हैं जबकि दीने इस्लाम कुबूल करने वाले अव्वलीन लोगों में से हैं। आप दामादे पैगम्बर हैं हज़रत अली मुर्तजा रदी अल्लाह तआला अन्हु ने दीने इस्लाम कबूल करने के बाद अपनी जिंदगी दीने इस्लाम की तरक्की के लिए वक्फ कर दी।
और हर मुश्किल व मुसीबत की घड़ी में हुजूर नबी ए करीम सल्लल्लाहो अलैहि वसल्लम के शाना ब शाना खड़े रहे आपने कुफ्फार के साथ जंगो में बहादुरी के ऐसे ऐसे जौहर दिखाए जो तारीख के औराक़ में सुनहरे हुरूफ से दर्ज किए गए।
हज़रते अली के ऐसे अकवाल हैं जिन्पर अमल करके जिंदगी में काफी बदलाओ आ सकता है और हमारे इल्म में काफी इज़ाफा होगा।
मतलबी दोस्त कोइले जैसा होता है जब कोइला गरम होता है तो हाथ जला देता है और जब ठंडा होता है तो हाथ काला कर देता है। हज़रते अली रदीयल्लाहो तआला अन्हु
हमेशा समझोता करना सीखो क्यूंकि थोड़ा सा झुक जाना किसी रिश्ते का हमेशा के लिए टूट जाने से बेहतर है। हज़रते अली रदीयल्लाहो तआला अन्हु
नेक लोगों की सोहबत से हमेशा भलाई ही मिलती है क्यों के हवा जब फूलो से गुज़रती हे तो वो भी खुश्बूदार हो जाती है। हज़रते अली रदीयल्लाहो तआला अन्हु
दोस्ती करना इतना आसान है जैसे मिट्टी से मिट्टी पर मिट्टी लिखना दोस्ती निभाना इतना मुश्किल है जैसे पानी से पानी पर पानी लिखना जो ज़रा सी बात पर दोस्त ना रहे वो दोस्त था ही नहीं। हज़रते अली रदीयल्लाहो तआला अन्हु
दौलत मिलने पर लोग बदलते नहीं हैं बल्कि बेनक़ाब हो जाते हैं। हज़रते अली रदीयल्लाहो तआला अन्हु
जब अल्लाह किसी से नाराज होता है तो उसे ऐसी चीज़ की तलव में लगा देता है। जो उसकी किस्मत में नहीं होती है।हज़रते अली रदीयल्लाहो तआला अन्हु
हज़रते अली से पूछा गया कि इंसान बुरा कब बनता है? तो आपने फरमाया जब वह अपने आपको दूसरों से अच्छा समझने लगे। हज़रते अली रदीयल्लाहो तआला अन्हु
अपने दुश्मन को हज़ार मौके दो कि वह तुम्हारा दोस्त बन जाए। लेकिन अपने दोस्त को एक भी मौका मत दोकि वह तुम्हारा दुश्मन बन जाए। हज़रते अली रदीयल्लाहो तआला अन्हु
अपनों को हमेशा अपना होने का ऐहसास दिलाओ बर्ना वक्त आपके अपनों को आपके बगैर जीना सिखा देगा। हज़रते अली रदीयल्लाहो तआला अन्हु
अगर कोई तुमको सिर्फ अपनी ज़रूरत के वक़्त याद करता हो तो परेशान मत होना । बल्के फ़ख्र करना के उसको अँधेरे में रोशनी की ज़रूरत है और वह रौशनी तुम हो। हज़रते अली रदीयल्लाहो तआला अन्हु
ज़िन्दगी के हर मोड़ पर सुलह करना सीखो । क्योंकी झुकता वही है जिसमे जान होती है । और अकड़ना तो मुर्दे की पहचान होती है। हज़रते अली रदीयल्लाहो तआला अन्हु
अगर दुनिया बेहतरीन जगह होती तो यहाँ कोई रोता हुआ पैदा न होता। हज़रते अली रदीयल्लाहो तआला अन्हु
जब तुम्हारी जान को खतरा हो तो सदका देकर जान बचाओ और जब तुम्हारे ईमान को ख़तरा हो तो अपनी जान देकर ईमान बचाओ। हज़रते अली रदीयल्लाहो तआला अन्हु
अगर कोई शख्स अपनी भूख मिटाने के लिए रोटी चोरी करे तो चोर के हाथ काटने के बजाए बादशाह के हाथ काटे जाऐं।हज़रते अली रदीयल्लाहो तआला अन्हु
कभी तुम दुसरों के लिए दिल से दुआ मांग कर देखो तुम्हें अपने लिए मांगने की जरूरत नहीं पड़ेगी। हज़रते अली रदीयल्लाहो तआला अन्हु
रिज़्क के पीछे अपना ईमान कभी खराब मत करो क्योंकि नसीब का रिज़्क इंसान को ऐसे तलाश करता है जैसे मरने वाले को मौत। हज़रते अली रदीयल्लाहो तआला अन्हु
ज़िल्लत उठाने से बेहतर है तकलीफ उठाओ।हज़रते अली रदीयल्लाहो तआला अन्हु
इल्म की वजह से दोस्तों में इज़ाफ़ा (बढ़ोतरी) होता है दौलत की वजह से दुशमनों में इजाफा होता है। हज़रते अली रदीयल्लाहो तआला अन्हु
कभी भी अपनी जिस्मानी ताकत और दौलत पर भरोसा न करना क्युकि बीमारी और ग़रीबी आने में देर नही लगती। हज़रते अली रदीयल्लाहो तआला अन्हु
तुम्हारा अच्छा वक़्त दुनिया को बताता है के तुम कौन हो और तुम्हारा बुरा वक़्त तुम्हे बताता है के दुनिया क्या है। हज़रते अली रदीयल्लाहो तआला अन्हु
दोस्तों के ग़म में शामिल हुआ करो हर हाल में लेकिन खुशियों में तब तक न जाना जब तक वो खुद ना बुलायें। हज़रते अली रदीयल्लाहो तआला अन्हु
अपना सर ऊंचा रखो के तुम किसी से डरते नहीं " लेकिन " तुम अपनी नज़रे नीची रखो ताके पता चले तुम ब इज़्ज़त घराने से हो। हज़रते अली रदीयल्लाहो तआला अन्हु























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